Monday, September 21, 2009

beetal ka sangeet

नमस्कार मित्रों!
मैं पिछले दिनों एक बड़े ही सुन्दर चीज के पीछे पड़ा था. 


वो चीज थी साठ और सत्तर के दशक के महान संगीत- बैंड बीटल का संगीत. 
सबसे पहले तो मैंने अचानक ही यू-ट्यूब पर एक विडियो देखा जिसमे बीटल्स का प्रसिद्द गीत "यू गोट टू हाइड यौर लव अवे " दिखाया गया था. 
मैं पूर्ण रुपें भारतीय हूँ. एक छोटे से शहर में पला-बाधा, हिंदी फिल्मों के गानों और पंचम-दा, किशोर कुमार, मुकेश, रफी, रहमान, लता और श्रेया घोषाल के  अलावा और कुछ भी नहीं जानता था. मगर इन्टरनेट कि कृपा से अचानक पिछले महीने बीटल के संनिद्धि में आ गया.
           यद्यपि बीटल अमरीकन हैं, फिर भी उनके संगीत में कहीं न कहीं भारतीयता जरूर झलकती है. खास कर जोर्ज  हेरिसन का संगीत कई मायनों में भारतीय है. उनके कई गीत भी भारतीय संस्कृति और आध्यात्म से प्रेरित हैं. हेरिसन का पहला गाना जो मैंने सुना था, वो था- "दिस सोंग". यह गाना उन्होंने अपनी शुरूआती दिनों में तब बनाया था, जब उनके सुप्रसिद्ध गाने- "my स्वीट लोर्ड" को अमरीका के कुछ परंपरा वादी लोगों ने अदालत में घसीटा था, और उनके sarwjanik गाने पर paabandi lagaai गई थी. जब हेरिसन ने वह mukadma jeet लिया, तब उन्होंने "दिस सोंग" naamak गीत बनाया. यह गीत sunne के बाद मैं "my स्वीट लोर्ड" sunne के लिए प्रेरित हुआ. 
इस गाने को sunne के बाद मुझे पता चला कि हेरिसन asal में iskcon के sadasya then, और भारत के महान sant श्री bhaktivedant swami से बहुत prabhavit थे. prasangvash, श्री swami ने अमरीका में hindu darshan और vaishnay sampraday का jabardast prachaar किया है. उन्होंने ही 'antar-rashtriya krishna bhaawnaamrit sangh'(International Society of Krishna Consciousness- ISKCON) की sthapna कि थी.
बीटल के अन्य sadasy, jon lenan, sir paul mac-kartani tatha ringo star भी भारत से atyant prabhavit थे. उनके aadhyatmik guru maharshi yoganand थे. जब बीटल भारत कि yaatra पर था, तब haridwaar में maharshi के ashram पर उन्होंने अपने सुप्रसिद्ध गीत- "across द universe" की rachna की थी. 




(इस बार post prakashit करना kathin हो गया है, kyoni ब्लॉगर में कोई pareshani uttpan हुई है. और यह roman aksharon को devnaagri में बदल नहीं पा रहा है.)

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